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बीते कुछ दिन इतने व्यस्त रहे कि जागरण जंक्शन के मंच से जैसे अल्प विदाई ही हो गई. जैसे तैसे आज मौका मिला तो देखा कई पुराने दोस्त गायब थे. सचिन जी, अदिति कैलाश, सीमा जी, आशीष जी समेत कई लोग यहां से जा चुके हैं. अब हमने तो ब्लॉगिंग ही यहीं से शुरु की थी सो चल पड़े फिर से कुछ लिखने. हालांकि लिखते समय याद आया यार लिखने के लिए कोई टॉपिक तो है ही नहीं. अब भ्रष्टाचार, बलात्कार, चोरी-डकैती आदि पर लिख कर अपना समय बर्बाद करने से बेहतर है पाठकों तक कुछ हल्का और मजेदार पहुंचाऊं. तो यूं ही नेट पर पढ़ते पढ़ते मेरी नजर एक कविता पर गई जो आजकल के युवाओं पर एक बेहतरीन कटाक्ष थी सो सोचा आप लोगों तक इसे पहुंचाऊं.
जिन्दगी ये किस मोड़ पे ले आयी है ,
हर लड़की का है Boy Friend, हर लड़के ने Girl Friend पायी है ,
चंद दिनों के है ये रिश्ते , फिर वही रुसवायी है .
घर जाना Home Sickness कहलाता है ,
पर Girl Friend से मिलने को टाइम रोज मिल जाता है .
दो दिन से नहीं पूछा मां की तबीयत का हाल ,
Girl Friend से पल-पल की खबर पायी है,
जिन्दगी ये किस मोड़ पे ले आयी है …..
कभी खुली हवा में घूमते थे ,
अब AC की आदत लगायी है .
धूप हमसे सहन नही होती ,
हर कोई देता यही दुहाई है .
मेहनत के काम हम करते नहीं,
इसीलिये Gym जाने की नौबत आयी है .
McDonalds, PizaaHut जाने लगे,
दाल- रोटी तो मुश्किल से खायी है .
Read: मैं जिससे प्यार करता हूं…
जिन्दगी ये किस मोड़ पे ले आयी है …..
Work Relation हमने बढ़ाई है,
पर दोस्तों की संख्या घटायी है .
Professional ने की है तरक्की ,
Social ने मुंह की खायी है.
जिन्दगी ये किस मोड़ पे ले आयी है
जिन्दगी ये किस मोड़ पे ले आयी है ,
हर लड़की का है Boy Friend,
हर लड़के ने Girl Friend पायी है ,
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