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अरे वाह चिंतन चालू एक बार फिर

थोडा हल्का - जरा हटके (हास्य वयंग्य )
थोडा हल्का - जरा हटके (हास्य वयंग्य )
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हर तरफ जहां देखो आरुषि, सीबीआई और भ्रष्टाचार फैला हुआ है कोई हमारा नाम लेता ही नहीं. आज तो मैंने सोच लिया है कि मैं भी कुछ ऐसा दूंगा ताकि लोग मेरा भी नाम चर्चा में याद करें बेशक वाह मात्र जागरण के ब्लॉगिंग मंच पर ही सही. आज में एक बार फिर एक चर्चा का विषय लाया हूं, बेशक चितंन का विषय पूराना है पर आज तक इस मंच पर ऐसा चितंन न आपने कभी देखा हो ना पढ़ा होगा.  और हां पहले ही बता दूं कि यह मैंने नही लिखा है क्योंकि अगर मैं लिखूंगा तो आप लोग हंसोगे नहीं रूओगे. तो मजा लिजिए चिंतन का और आप भी शामिल हो जाईए.

1>इधर जो हाल 2010 में हो लिया है, उसमें फुल साल चिरकुट चिंतन चलता रहता है। सो, नए साल  पर इस बार सिर्फ और सिर्फ सीरियस चिंतन होना चाहिए। इस सीरियस चिंतन में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता राखी सावंत, प्रख्यात सेल्समैन महेन्द्र सिंह धोनी , प्रख्यात न्यूड आर्ट माडल सलमान खान और एक प्रख्यात नेता लालू जी मौका-ए-डिस्कशन पर मौजूद थे।

[राखी सावंत] देखिये नए साल के इस मौके पर हमें राष्ट्र की समस्याओं पर विचार करना चाहिए। मेरे हिसाब से सबसे बड़ी समस्या किस है। किस-किस को जवाब दूं कि वो वाला किस (Kiss )किस हाल में लिया गया था। किस के तमाम डाइमेंशन्स पर हमें सोचना चाहिए।

[महेन्द्र सिंह धोनी] नो, देखिये समस्या यह है कि मेरी शर्ट उतरवाने की तैयारी चल रही है। क्रिकेट टीम की शर्ट उतारने को कहा जा रहा है.

gangsalman[सलमान खान] तो उतार दीजिये ना, मैं तो यही करता हूं। जी, सक्सेसफुल होने के लिए शर्ट उतारना जरुरी है। कम कपडे मतलब ज्यादा कमाई, बात समझ में आयी।

[राखी सावंत] देखिये, यह समस्या है राष्ट्र के सामने कि अगर सलमान खान कम पहनते हैं,तो पब्लिक इन्हें स्टार बनाती है। अगर मैं कम पहनती हूं तो लोग कहते हैं कि हाय राखी क्या कर रही है। अरे ये तो बताओ कि राखी और क्या कर सकती है। यह महिला-पुरुष की असमानता का मामला है, इस सवाल पर हमें आवाज उठानी चाहिए। सबको बराबर के नंगूपने का राइट होना चाहिए, यही राइट बात है।

laloo[लालू जी] कम होने चाहिए, जी कम होने चाहिए।

[डिस्कशन एंकर] जी नेताजी, आप क्या कह रहे हैं कि कम होने चाहिए? आप राखी सावंत के रास्ते पर क्यों चल निकले हैं?

[लालू जी] नहीं मेरा मतलब है कि रिश्तेदार कम होने चाहिए।

[सलमान खान] देखिये, पूरा राष्ट्र इस मसले पर हमारे साथ है कि कम होने चाहिए। राखी जी, अब तो सब ही मान रहे हैं कि कम होने चाहिए।

[महेन्द्र सिंह धोनी] नहीं कम नहीं होने चाहिए। मेरे एड कम नहीं होने चाहिए, भले ही रन कम हो जायें। देखिये यह गलत बात है कि एड माडलिंग के काट्रेक्ट कम हो जायें। बहुत नाइंसाफी है यह। कम क्यों ज्यादा क्यों नहीं।

salman4[राखी सावंत] ज्यादा में किसी का इंटरेस्ट नहीं है। कपड़े ज्यादा पहनो, तो टीवी वाले नहीं दिखाते हैं। टीवी वाले विकट बदमाश हैं।

[लालू जी बिलकुल टीवी वाले बहुत बदमाश हैं, मेरे सालों की सालियों तक की खबरें रखते हैं।

[डिस्कशन एंकर] देखिये टीवी वालों की प्राबलम समझिये। उस दिन राखी सावंतजी ने हमारी मदद नहीं की होगी। अब राखी सावंतजी खबर वाला कोई काम नहीं करेंगी, तो कहीं से तो खबर निकालनी पड़ेगी। राखीजी कॉपरेशन करें, तो हम नेताओं के मुहल्ले में झाकने भी ना जायें।

[सलमान खान] कोई मुझसे कह रहा था कि सलमान खान आप बगैर शर्ट के भी नंगे नहीं दिखते और नेता पूरे कपड़ों में भी नंगे ही दिखते हैं, ये क्या मामला है। क्या नेता लोग ट्रासपरेंट कपड़े पहनते हैं?

[राखी सावंत] कहां से लाते हैं ऐसे कपड़े, मुझे शो के बाद बताइए।

[महेन्द्र सिंह धोनी] देखिये मेरी समस्या समझने की कोशिश कीजिये। मेरा स्कोर इधर कम हो रहा है। पहले पाच एड रोज करता था, अब स्कोर कम होकर एकाध पर आ गया है। अरे, मुझमें अब भी बहुत स्कोप है। मुझसे धासू गद्दे के एड करवाये जा सकते हैं। मुझे इन गद्दों पर सोते हुए दिखाया जा सकता है। इस एड का स्लोगन यूं हो सकता है ‘किसी भी तरह के टेंशन में ना खोइये, धोनी की तरह हमारे गद्दों पर चैन से सोईये।’

[नेताजी] पर मीडियावाले चैन से सोने कहा देते हैं। कभी कहते हैं कि साले ने कुछ कर दिया, कभी कहते हैं कि बेटे ने कुछ कर दिया।

[राखी सावंत] नहीं सब सो जायेंगे,तो हमारे शो कौन देखेगा। मेरे वाले शो को तो लोग देर रात में ही देखते हैं। मेरे शो पर लोग कहते हैं कि इन्हे तो तब देखा जाना चाहिए, जब बच्चे सो जायें। हालाकि बच्चे भी अलग कमरे में मेरा शो देखते हैं।

[सलमान खान] (शर्ट उतारते हुए) बहुत देर हो गयी, इतनी देर तो मुझसे शर्ट नहीं पहनी जाती।

[डिस्कशन एंकर] देखिये, हमें पब्लिक देख रही है।

[सलमान खान] फिर तो उतारनी ही पड़ेगी। शर्ट एकात में तो पहन सकता हूं, पर पब्लिक के सामने तो उतारनी पड़ेगी। मेरी रेपुटेशन का सवाल है।

[राखी सावंत] देखिये मैं फिर कहती हूं कि यह महिला-पुरुष असमानता का सवाल है। सलमान कम पहनते हैं, तो कोई बात नहीं होती। मैं कम पहनती हूं, तो..।

एंकर ने डिस्कशन टेबल के ऊपर बड़ा सा परदा गिरा दिया है।

नए साल का  चिंतन चालू आहे।

Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/features/general/8_14_6200019.हटमल

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