- 247 Posts
- 1192 Comments
इसे लहर कहना गलत नहीं होगा. क्रिकेट भारत में सबसे बड़ा धर्म कहा जाता है और यह ऐसे ही नहीं कहा जाता. दिलों की धड़कनें रुकने का नाम न लें. दिमाग और आंखें चाह कर भी इस रोमांच से दूर नहीं रह पातीं. क्रिकेट का यह रोमांच भारत में कुछ इस तरह का है कि लोग अपनी नौकरी तक को एक मैच के लिए छोड़ देते हैं.
मैच था भारत और पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल का. वैसे भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में क्रिकेट अपने शवाब पर होता है पर जब यह दोनों एक दूसरे के खिलाफ खेलते हैं तो खेल, खेल नहीं बल्कि जंग बन जाता है. खेल बैट और बॉल के बीच नहीं बल्कि दो देशों के दिलों के बीच होता है.
आज के मैच के दौरान मैंने पहली बार इस खेल के रोमांच को चरम पर पाया. आम तौर पर शांत रहने वाले मेरे सहकर्मी जिस तरह कल उत्साह में रंगे हुए थे वह देखते ही बनता था. इसी को सोच कर मुझे लगा कि वाकई यार यह खेल खेल नहीं बल्कि जंग बन जाता है. हर गेंद हर चौके के साथ दर्शकों में इतना उत्साह दिखता है जैसे उन्होंने खाना ही शोर मचाने के लिए खाया है.
सहवाग ने एक ही ओवर में चार चौके क्या लगाए पाकिस्तान की तो वाट लग गई. पर यह खेल उन दर्शकों के लिए कितना भारी पड़ता होगा जो पाकिस्तान के समर्थक होंगे. जहां भारत के दर्शक सचिन-सहवाग के हर चौके पर ताली बजाते हैं वहीं पाकिस्तान के दर्शक हर भारतीय रन पर अपने बॉलरों को गाली देते होंगे.
वैसे खेल केवल खेल नहीं होता, खेल हमारे दिल को थोड़ा चैन और सुकून देने वाला होता है. खेल में चाहे हार किसी की भी हो या जीत किसी की भी हो पर हमें खेल के हर मौके का पूरी ताजगी और उत्साह से मजा लेना चाहिए.
Read Comments