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पिछली पोस्ट में मैंने एक बच्चे के लव लेटर को आप लोगों के साथ साझा किया था और आज आप लोगों के लिए फिर कुछ खास लेकर आया हूं. अप्रैल का महीना चल रहा है, हर ऑफिस में अप्रेजल और इंक्रीमेंट का टाइम चल रहा है. जिसे देखो अपने नंबर बढ़वाने के चक्कर में लगा हुआ है. सबको यही टेंशन है कि उसका कितना बढ़ेगा, क्या अगली सैलरी से बाइक की जगह कार आएगी या वहीं बाइक पर रगड़ना जारी रहेगा. लेकिन भाई साहब सबसे बड़ा डर यह लगा रहता है कि कहीं हमारे साथ वाले का हमसे ज्यादा ना बढ़ जाए.
अब इसे टेंशन कहिए या कुछ और पर होता तो यही है.
और हां, सैलरी बढ़ने की स्थिति में एक महाशय का तो ऐसा हाल हो गया कि बेचारे ना घर के रहे ना घाट के.
आप भी पढ़िए और मजा लीजिए एक बेहतरीन कविता का.
सैलरी बढ़ाओ – How to get a hike
हमेशा की तरह 09:10 बजे ठुमकते हुए ऑफिस आया,
10:00 बजे तक नाश्ता किया और 10:30 बजे तक मेल ही पढ़ पाया ,
हमेशा की तरह आज भी मुझे आलस आ रहा था ,
और मेरा HOD मुझे तिरछी निगाहों से देख-देख गुस्सा रहा था,
मैं बड़े concentration के साथ एक “Careful” mail पढ़ रहा था,
तभी देखा मेरे HOD के नाम का नया mail कोने में blink कर रहा था,
फिर कोई training attend करनी होगी, ये क्या बकवास है,
क्या reply में लिख दूं की मेरे mailbox का उपवास है?
मैंने आँखें बंद की और 10 bar “om” “om” bola,
और प्रणाम करते हुअ मैंने वो मेल खोला,
HOD के इस मेल में एक अजीब सा सुकून और भोलापन है,
लिखा है भाइयों appraisal letters आ गए, अब तो one -to-one hai,
मन मैं ऐसे बुरे-बुरे ख्याल आ रहे थे ,
ऊपर से कुछ लोग मेरे “de-appraisal” की गन्दी अफवाह उड़ा रहे थे,
HOD को लेटर लाते देख हर कोई उसे देखता जाता है,
जैसे मल्लिका के किसी नए गाने को देखा जाता है,
आखिर वो वक़्त आया, HOD ने एक-एक कर सबको अंदर बुलाया,
जो भी अंदर जाता हँसता हुआ जाता,
जो बाहर आता, मुरझाया हुआ आता,
बाहर आ कर इंसान संभल भी नहीं पाता है,
कि “कितना हुआ कितना मिला” हर कोई उस पर टूट जाता है,
किसी एक को appraisal में 2000 रुपए मिले थे, मैं उसकी हंसी उड़ा रहा था ,
तभी मैंने देखा मेरा HOD इशारे से मुझे अंदर बुला रहा था ,
मैं confidence से उठा और आगे कदम बढाया ,
तभी मेरी बेल्ट का buckle टूट के निकल आया ,
मेरी हालत तो अभी से ही बुरी हो गयी,
साली इज्ज़त उतरना तो यहीं से शुरू हो गयी ,
मैं अंदर पहुंचा और HOD ने मुझे बिठाया ,
उसने मेरा लेटर पढ़ा और वो हंसी रोक नहीं पाया ,
वो इतना हंसा की उसके आंसू आ गए,
क्या मेरे appraisal digits उसे इतने भा गए,
जैसे ही उसने appraisal letter मेरी तरफ बढ़ाया ,
मेरी आँखों के आगे घनघोर अँधेरा छाया ,
मुझे लगा जैसे मेरे दिल की दीवार को किसी ने गोबर से पोता है ,
अरे यार “बीस rupaye” ? ये भी कोई increment होता है?
ये CORPORATE INDUSTRY है, अखाड़ा नहीं है ,
ये “SALARY INCREMENT ” है, साकेत आने -जाने का भाडा नहीं है,
मेरे चारों तरफ काली घटा छायी, तभी मेरे HOD की आवाज़ आई,
तुम सोच रहे होगे कि कंपनी मैनेजमेंट का दिमाग फिर गया है,
पर बेटा हम क्या करें , यूरो का भाव 2 रुपए जो गिर गया है,
पर फिर भी मुझे लगता है, ये letter fake है ,
मुझे तो लगता है ये printing mistake है,
तुम HR में जाओ, और ये confirm करके आओ,
भाई HR में जाने के लिए तैयार होना पड़ता है,
shitt!! जहाँ पहले बैठी हुआ करती थी आज वहां बैठा हुआ है
मैं समझ गया बेटा, आज zindagi ki tabahi है ,
उसने मेरा लेटर खोला, और खुश हो के बोला ,
वो बोला सर आप के लिए खुशखबरी है ,
आप के letter ने “Printing mistake” पकड़ी है ,
मैंने कहा बॉस अब देर न लगाएं,
और मुझे मेरा actual amount बताएं,
सॉरी सर ये mistake just by एक्सीडेंट है ,
बीस रुपए नहीं, दो रुपए आप का increment है.
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