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(निम्न बातें और तथ्य काल्पनिक हैं जो मात्र हंसने का एक जरिया मात्र हैं.)
कल यूं ही समाचार खोल के देखा तो पता चला अन्ना हजारे आज भी न्यूज पर छाए हुए हैं. अप्रैल और अगस्त में अन्ना ने क्रांगेस सरकार की ऐसी बजाई की बेचारे अभी तक उसका दर्द झेल रहे हैं वो तो भला हो सोनिया मैडम को वक्त रहते आ गई वरना कांग्रेस का तो हाल बुरा हो जाता. पार्टी के कर्णधार आपस में लड़ने को तैयार थे और बाहर वालें जरा सी जगह में मिलने पर पूरी तख्तापलट को तैयार. और यह सब हुआ एक अन्ना की वजह से. अन्ना हजारे का जादू भारत ही नहीं विदेशों में भी खूब चला तभी तो वहां के लोगों ने अन्ना हजारे से ट्यूशन के लिए संपर्क किया. पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी अन्ना हजारे को अपने देश बुलाने का निमंत्रण भेजा पर अन्ना जानते हैं वहां भारत की तरह गांधी जी का सम्मान नहीं होता. वैसे जिस तरह से अन्ना फीवर फैला है उसके कुछ दुष्परिणाम भी हो सकते हैं. क्या? अगर जानना चाहते हैं तो सुनिएं.
जल्द ही मेन वाले अन्ना अपना अस्तित्व तलाशते नजर आयेंगे और डुप्लिकेट अन्ना नानकराम हलवाई की तरह अपने नाम के साथ जबलपुरिया अन्ना असली वाले, असली जबलपुरिया अन्ना प्रथम, न्यू जबलपुरिया अन्ना, ऑथेन्टिक साऊथ वाला जबलपुरिया अन्ना आदि आदि लिखते नजर आयेंगे.
ऐसे लेटेस्ट ट्रेन्ड अनशनकारी माहौल में यदि आपको शहर में जगह जगह निम्नलिखित होर्डिंग नजर आने लगें तो आश्चर्य मत करियेगा:
4. जबलपुरिया अन्ना रचित “21 दिन में सफल अनशनकारी कैसे बनें” -. मात्र 150 रुपये में. स्टेप बाई स्टेप 20 चेप्टर में विभाजित. एक्स्ट्रा बोल्ड फॉन्ट.
और भी न जाने क्या क्या!! सोचो तो कितनी बड़ी अर्थ व्यवस्था, रोजगार के अवसर और कितनी बातें जुड़ी है इस अनशन दर्शन के साथ.
ऐसे में जब पिछले दिनों एक व्यंग्यकार ने अनशनकारियों के लिए कुछ नायाब उपाय सुझाये तो लगा कि बड़ा स्कोप है इस फील्ड में कन्सलटेन्सी का. भारतीय हैं तो सलाहकारी तो खून में है यानि कि अपना तो खूनी पेशा की कहलाया. इसी उद्देश्य को मद्देनजर रख कुछ उपाय अनशनकारियों के सफल अनशन के लिए ताकि मीडिया कवरेज मिले और अनशन सफल भवे!!! प्रस्तुत कर रहा हूँ. बाकी विस्तृत विवरण के लिए समय एवं रुपया लेकर मिलें.
१. अपना अनशन स्थल बोरवेल में कम से कम 50 फीट उतर कर बनायें. मीडिया की चिन्ता न करें, उन्हें वहाँ तक माईक पहुँचाने की पुरानी प्रेक्टिस है. आप वहीं से बैठे मीडिया द्वारा प्रद्दत माईक से अपनी मांगे उठा सकते हैं. मीडिया के लिए यह सर्वाधिक प्रिय स्थल है.
२. यदि आप हिन्दु हैं तो मस्जिद की छत पर और मुसलमान हैं तो मंदिर के कंगूरे पर चढ़कर अनशन पर बैठ जायें. अपनी मांगों के साथ यह धमकी देना कतई न भूलें कि यदि आपने मांग न माने जाने पर कूद कर आत्म हत्या कर ली तो इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार के साथ साथ उस कौम की भी होगी, जिसकी पावन स्थली के उपर से आप छलांग लगाने वाले हैं. अनशन का मजहबी रंग मीडिया के घोर आकर्षण का कारण बनेगा, आप निश्चिंत रहें.
३. अनशन की सफलता पर अनशनकारियों के समक्ष मॉडल पूनम पाण्डे के निर्वस्त्र होकर दर्शनार्थ उपलब्ध होने की घोषणा करवा दें. मीडिया कवरेज के साथ साथ अनशनकारियों की उमड़ती भीड़ अन्ना वाले अनशन का रिकार्ड ब्रेक करती नजर आयेगी, इस बात की गारंटी है. भीड़ मीडिया को बुलाने और सरकार को डराने के लिए काफी है.
४. अनशन स्थल पर प्रत्येक बीस नारों के बाद चीयर बालाओं के डांस का इन्तजाम किया जाये जैसे कि धोनी ने छक्का मारा हो. इससे एक तरफ अनशनकारियों में नये उत्साह और स्फूर्ति का संचार होगा, वहीं दूसरी ओर मीडिया को भड़कीला शो भी मिल जायेगा.
५. अनशन शुरु करने के पहले कुछ सपेरों को सेट किया जाये ताकि वो एकाएक अनशन मंच पर सांपों के निकल कर नाचने का प्रबंध कर सकें. ऐसे घटनाक्रम मीडिया को बेहद लुभाते हैं. और फिर जैसे ही मीडिया की कृपा बरपेगी, जनता को मीडिया सुना लेगी और सरकार को तो सुनना ही पड़ेगा.
अंत में अनशन की सफलता का पूरा राज न तो मुद्दे में है. न इस बात पर कि अनशन पर कौन और कैसे बैठा है, यदि आप मीडिया को आकर्षित नहीं कर पाये तो लाख सर पटक लें या आकाश गंगा में चारपाई लगाकर अनशन पर बैठ हवाई मार्ग अवरुद्ध कर लें, कोई नहीं सुनेगा
साभार: जीमेल
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