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आपके लिए एक बार फिर हाजिर हूं मैं कुछ विशेष हिन्दी शायरियां लेकर. लगता है आप लोगों को यह शायरियां बहुत पसंद हैं इसलिए जब भी मैं यह शायरियां डालता हूं इसे पढ़ने वालों की संख्या वाकई ज्यादा हो जाती है.
तो चलिए पढ़ते हैं कुछ बेहतरीन शायरियां. 😥
Hindi Shayari Sad Shayari
मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा…..
आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है
तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा……
मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी
तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा….
सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं
उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा… 😥 😥
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यादों की किम्मत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं…
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प्यार वो हम को बेपनाह कर गये,फिर ज़िनदगीं में हम को,
तन्नहा कर गये, चाहत थी उनके इश्क में,फ़नाह होने की,
पर वो लौट कर आने को,भी मना कर गये..
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शिकायत है उन्हें कि,
हमें मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है,
पर इसे शिकायत करना नहीं आता
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कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं कोई बेवफा नही होता, टटोल कर देखो अपने दिल को हर फासला बेवजह नहीं होता….😥😥
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तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने ,
तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने ,
मत सोच के हम भूल गए है तुझे ,
आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे
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आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा`
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धोखा दिया था जब तूने मुझे. जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था….
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पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं, दिल का दर्द किससे दिखाए, मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं.
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Hindi Shayari
सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,
सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा ..
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जनाजा मेरा उठ रहा था,
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में!
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है दफनाने में?
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मिलना इतिफाक था बिछरना नसीब था ..
वो तुना हे दूर चला गया जितना वो करीब था ..
हम उसको देखने क लिए तरसते रहे …
जिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था
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दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,
नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो,
ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जनता हो,
प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जनता हो..
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रास्ता सुझाई देता है,
न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं,
न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने
आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में,
तेरी सूरत दिखाई देती है…😥 😥 😥 😥
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