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रहीम जी के दोहे जीवन में अमल लाने से जीवन की कई परेशानियां स्वत: ही दूर हो जाती हैं. आइयें आज हम भी रहीम जी के दोहों को हिन्दी में पढ़े और इनका लाभ उठाएं.
रहीम के दोहे: Rahim ke Dohe in Hindi with Meaning
रहिमन मनहि लगाईं कै, देखि लेहू किन कोय
नर को बस करिबो कहा, नारायन बस होय
अर्थ: कविवर रहीम के मतानुसार मन लगाकर कोई काम कर देखें तो कैसे सफलता मिलती है। अगर अच्छी नीयत से प्रयास किया जाये तो नर क्या नारायण को भी अपने बस में किया जा सकता है।
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रहीम के दोहे: Rahim ke Dohe in Hindi with Meaning
रहिमन थोरे दिनन को, कौन करे मुहँ स्याह
नहीं छलन को परतिया, नहीं कारन को ब्याह
अर्थ: कवि रहीम कहते हैं कि कुछ समय के लिए मनुष्य अपने मुहँ पर कालिमा क्यों लगाए? दूसरी स्त्री को धोखा नहीं दिया जाता और न ही विवाह ही किया जा सकता.
भावार्थ-दूसरी स्त्री को प्रेम का दिखावा कर उसे धोखा देना ही है, और उससे विवाह कर तो निभाया भी नहीं जा सकता. कोई पुरुष एक समय में दो स्त्रियों के साथ एक जैसा प्रेम नहीं कर सकता. अत उसे एक विवाह ही करना चाहिए.
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रहीम के दोहे: Rahim ke Dohe in Hindi with Meaning
गुन ते लेत रहीम जन, सलिल कूप ते काढि
कूपहु ते कहूँ होत है, मन काहू को बाढी
अर्थ: रहीम कहते हैं कि जिस प्रकार लोग रस्से के दवारा कुएँ से पानी निकल लेते हैं उसी प्रकार अच्छे गुणों द्वारा दूसरों के ह्रदय में अपने लिए प्रेम उत्पन्न कर सकते हैं क्योंकि किसी का हृदय कुएँ से अधिक गहरा नहीं होता.
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रहीम के दोहे: Rahim ke Dohe in Hindi with Meaning
रहिमन मनहि लगाईं कै, देखि लेहू किन कोय
नर को बस करिबो कहा, नारायन बस होय
अर्थ: कविवर रहीम के मतानुसार मन लगाकर कोई काम कर देखें तो कैसे सफलता मिलती है। अगर अच्छी नीयत से प्रयास किया जाये तो नर क्या नारायण को भी अपने बस में किया जा सकता है।
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