- 247 Posts
- 1192 Comments
पुराणों के अनुसार अक्षय तृतीया पर दान-धर्म करने वाले व्यक्ति को वैकुंठ धाम में जगह मिलती है। इसीलिए इस दिन को दान का महापर्व भी माना जाता है।
इस दिन नए कार्य शुरू करने के लिए इस तिथि को शुभ माना गया है। भगवान विष्णु को सत्तू का भोग लगाया जाता है और प्रसाद में इसे ही बांटा जाता है।
अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान करके जौ का हवन, जौ का दान, सत्तू को खाने से मनुष्य के सब पापों का नाश होता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति पर चंदन या इत्र का लेपन भी किया जाता है।
* अक्षय तृतीया के दिन तिल, जौ और चावल का दान का विशेष महत्व है।
* गरीबों को चावल, नमक, घी, फल, वस्त्र, मिष्ठान्न आदि का दान करना चाहिए और व्रत रखना चाहिए।
* अक्षय तृतीया के दिन गरीब, असहाय लोगों को भोजन अवश्य कराएं।
* अक्षय तृतीया के दिन खरबूजा और मटकी का दान करने का भी महत्व है।
* जप, दान, होम तथा पितरों का श्राद्ध इस दिन करने से अक्षय पुण्य फल प्राप्त होता है।
* मिट्टी या तांबे के दो घड़ों को जल से भरकर एक घड़े में अक्षत तथा दूसरे में तिल्ली डालकर इन घड़ों को ब्रह्मा, विष्णु, शिवस्वरूप में ही पूजा करके ब्राह्मणों को दान किया जाना चाहिए।
ऐसा करने से हमारे पूर्वज तथा पितृ तृप्त होकर हमारी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
* बद्रीनाथ को अक्षय चावल चढ़ाने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Read Comments